सर्वत्र एवं सर्वप्रथम समस्त पूजा आदि मांगलिक कार्यों में तथा समस्त सांसारिक कार्यों में विघ्न नाश हेतु तथा कार्य कि परिपूर्णता हेतु भगवान गणपति का स्मरण किया जाता है I काम, क्रोध आदि आंतरिक शत्रु होँ अथवा रोजमर्रा के जीवन में उपस्थित होने वाले अडचन रूपी बाह्य शत्रु होँ I दोनों के निवारण हेतु सर्वप्रथम भगवान गणेश जी का स्मरण किया जाता है I गणेश जी की उपासना से ही भगवान विष्णु ने मधु- कैटभ का वध किया I गणेश जी के वार से ही शिव जी ने त्रिपुरा सुर का वध किया I भगवती दुर्गा जी ने भी गणेश जी की वंदना करके महिषासुर का वध किया I जम्भासुर का वध करके गणेश जी ने ब्रह्मा-विष्णु-महेश की सहायता की I सिन्दुरासुर ने जब पार्वती जी का हरण किया तो "मयुरेश गणेश जी" ने अवतार लेकर उनके कष्टों को हरा I
एक समय जब कामदेव की भस्मी से उत्पन्न हुए भंडासुर नाम के महाप्रतापी दैत्य ने ब्रह्मा-विष्णु-महेश सहित सभी देवों को परास्त कर दिया, नए- नए लोकों की रचना की और उससे लड़ने वाली माँ त्रिपुर सुन्दरी की सेना को भी जब उसने अपने माया तन्त्र से सम्मोहित कर दिया तो उस समय माँ के स्मरण करने पर भगवान गणेश जी का "हरिद्रा गणपति" नाम का तन्त्र स्वरुप प्रकट हुआ एवं राक्षस के बनाए मायामय विघ्न यन्त्र को तोड़कर माँ त्रिपुर सुन्दरी को जितने में सहायता प्रदान की I ऐसे अनेक लीलाओं को सम्पन्न करने वाले भगवान गणेश जी को तन्त्र, मन्त्र एवं यंत्रों को सिद्ध करने से पहले पूजना चाहिए I शास्त्रों में भगवान गणेश जी के अनेक विधान दिए हुए हैं जिनको सम्पन्न करके आप सांसारिक एवं दैवी सिद्धियाँ प्राप्त कर सकते हैं :-
उच्छिष्ट गणपति प्रयोग
प्रयोग करने में अत्यन्त सरल, शीघ्र फल को प्रदान करने वाला, अन्न और धन की वृद्धि के लिए, वशीकरण को प्रदान करने वाला भगवान गणेश जी का ये दिव्य तांत्रिक प्रयोग है I इसी सिद्धि के बल पर प्राचीन काल में साधु लोग थोड़े से प्रसाद से पूरे गांव को भरपेट भोजन करवा देते थे I इसकी साधना करते हुए मुह को जूठा रखा जाता है I
विनियोग : ॐ अस्य श्रीउच्छिष्ट गणपति मंत्रस्य कंकोल ऋषि:, विराट छन्द : उच्छिष्टगणपति देवता सर्वाभीष्ट सिद्ध्यर्थे जपे विनियोग: I
मन्त्र : ॐ गं हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा I
अगर किसी पर तामसी कृत्या प्रयोग हुआ हो तो उच्छिष्ट गणपति शत्रु की गन्दी क्रियाओं को नष्ट करके रक्षा करते हैं I यदि आप भी तन्त्र द्वारा परेशान हैं तो संस्था के तान्त्रिकों द्वारा यह तांत्रिक साधना सम्पन्न करवा सकते हैं I
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