नज़र, टोना-टोटका, हाय, किया- कराया आदि के द्वारा एवं भूत- प्रेत, पिशाच, डाकिनी, शाकिनी, बेताल, जिन्न, मसान आदि के द्वारा उत्पन्न होने वाले दोषों को उपरी दोष कहा जाता है I ये नकारात्मक उर्जाएँ (Negative energies) या तो किसी की जलन भारी निगाहों से या किसी के तंत्र प्रयोग से उत्पन्न होती हैं I चौराहों पर पैर पड़ने से अथवा भटकती आत्मा के आगोश में आने से एवं किसी को इस प्रकार की तंत्र क्रिया करते हुए देख लेने मात्र से ही ये उपरी दोष लग सकते हैं अतः सदैव सावधान, पवित्र एवं अपने इष्टदेव का स्मरण रखिये I गले अथवा हाथ में हमेशा कोई रक्षा कवच धारण किये रखिये किन्तु फिर भी यदि आप इस चपेट में आ ही चुके हैं, उपरी दोषों के कारण ठीक न होने वाली बीमारियाँ, असंतुलित व्यवसाय, लगातार न थमने वाले घाटे, अकारण खर्चे, बच्चे का अचानक पढ़ाई में कमज़ोर हो जाना, मन में हमेशा भय रहना, परेशानियों का दूर न होना, बनते कामों में बिगाड़ पड़ना, जरुरी कामों का समय पर न होना आदि पीडाओं को भुगत रहे हैं तो तुरंत संस्था से अपने घर की मिट्टी अथवा अपने सिरहाने रखा पानी या पीड़ित का चित्र आदि भेजकर इस दोष को चेक करवायें एवं इसकी पुष्टि होने पर यथाशीघ्र महाकाली, भैरव, क्षेत्रपाल, बजरंगी आदि कठोर प्रवृति के देवताओं की समुच्चय उपासना से सम्पन्न होने वाली उपरीदोष नाशक विधि को संस्था के माध्यम से यथाशीघ्र सम्पन्न करवाएं I कहीं ऐसा न हो कि आपकी लापरवाही किसी बड़ी परेशानी को न्योता न देदें I
उत्तम सदाचारी, मन्त्रविद, कर्मकाण्डी विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा आपके कल्याण हेतु कार्यों को सिद्ध कराने वाली विशिष्ट पूजाएं अत्यन्त मनोयोग के साथ आपके दुखों को ध्यान उमें रखकर सम्पन्न कराई जाती हैं I हजारों व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं I